Adhure Alfaaz (अधूरे अल्फाज़): See here the Best 100+ Adhure Alfaaz Shayari in Hindi. Feel the deepest sentiments of the poet and share on Facebook and WhatsApp, if it touches your heart. Until we are here we don’t think you have any need to visit other sites for Hindi Shayari. So read these heart-touching Alfaaz Shayari in Hindi.
Adhure Alfaaz

प्यार तो आज भी तुमसे
उतना ही है,
बस तुम्हे एहसास नही ओर हमने
जताना छोड़ दिया….
🙂💔🥀

जैसे टूटी हुई नींद💔
😔सर दर्द बना देती है।
वैसे ही टूटा हुआ भरोसा
जिंदगी का दर्द बना देता है…🥀🥀

कितना अजीब है ना!
कुछ लोग कसमें खा कर भी
भरोसा तोड़ देती हैं ।
🙂💔🥀

उसे क्या पड़ी वो मुझे आकर
मनाये, वो तो कहते होंगे
जान छूटी.. भाड़ में जाये।
😔💔🥀

घुट घुट कर जिते रहें कोई
फरियाद” ना करें,
कहां लाऊ वो “दिल”
जो तुम्हे याद ना करे।
🥺💔🥀

नशा मोहब्बत का हो या शराब का
होश दोनों में खो जाता है
फर्क सिर्फ इतना है कि
शराब सुला देती है।
मोहब्बत रुला देती है
😔🥀💯

तेरे बदलने का
दुःख नहीं है मुझको
मैं तो अपने“
यकीन पर शर्मिंदा हूंII
😔💔🥀

हम जिसकी इज्जत करते है,
वो हमें मजबूर समझते है…!!!
हम जिससे बहुत प्यार करते है,
वो हमें बेवकूफ़ समझते है ..!!
🙂🥀💯

वक्त ने हमको चुप रहना सिखा दिया
और हालातों ने सब कुछ सहना
सिखा दिया
अब किसी की आस नहीं ज़िन्दगी में
इन तन्हाइयों ने हमे अकेले रहना
सिखा दिया…
🙂🥀🍂

जिनको सोच कर अकेले,
में मुस्कुराया करते थे..
अब उन्हीं को सोच कर
अकेले में रोया करते हैं…
🙂💔🥀

वो थे न मुझसे दूर न मै उनसे दूर था,
आता न था नजर तो नजर का कुसूर था
❣️🥀✍🏻

मैं खुद खफा हूं खुद से
अब क्या शिकायत करू तुमसे…..
🥀💔🥀

हम लबों से कह ना पाए उनसे हाल ए दिल कभी
और वो समझे नही ये खामोशी क्या चीज है।
💔🥀✍🏻
अधूरे अल्फाज़ शायरी

हाथ उठते हुए उनके न कोई देखेगा
किस के आने की करेंगे वो ‘दुआ मेरे बाद
🙁💔🥀

हम तुम में कल दूरी भी हो सकती है,
वजह कोई मजबूरी भी हो सकती है।
🙂🥀💯

भरी है जो दिल में हसरत कहूं तो किससे कहूं,
सुने है कौन मुसीबत कहूं तो किससे कहूं.
🙁🥀
Adhure Alfaaz Shayari

मैं बोलता हूं तो इल्जाम है बगावत का,
मैं चुप रहूं तो बड़ी बेबसी सी होती है।
😇💯

तुम्हारे दिल की चुभन भी जरूर कम होगी,
किसी के पांव से कांटा निकालकर देखो।
😊❣️💯

कुछ दिन बहुत खुश थे हम
उसी खुशी का कर्ज उतार रहे हैं।
🙂🥀
Adhure Alfaaz Text
एक उम्र की दो अलफ़ाज़ में,
एक आस में, एक काश में।
हमेशा याद रहेगा ये दौर हमको
क्या खूब तरसे जिंदगी में एक शख्स के लिए…
जीते जी जिनको मनाने में मुझे जमाने लगे,
आज़ वो भी फूल मेरे महबूब ‘मेरी कब्र पर चढ़ाने लगे,
‘की ज़रा इनायत तो देख,
जलने के बाद भी वो फिर मुझे जलाने लगे!!
कत्ल हुआ हमारा इस तरह किश्तों में,
कभी खंजर तो कभी कातिल बदल गए । ।
जहां तक आकर तुम गए हो ना,
वहां तक अभी कोई पहुंचा ही नही….
हमें भी इश्क़ हुआ था, वो भी इश्क़ में शामिल थे शायद,
उसकी हंसी को प्यार समझ लिया, हम गलत थे शायद….
मिले वफा मोहब्बत मे, अब वो दौर नही…
अब इश्क महज खेल है, कुछ और नही.. । । ।
वो हमें छोड़ कर चले भी गए,
और हमसे ये भी ना हो पाया कि भूल जाएं उन्हें ।
मेरी बेबसी का उसने कुछ इस कदर फायदा उठाया है,
खुद के दिए जख्मों पर हर रोज़ नमक गिराया है । । ।
बड़े खुश हैं आज मेरे बिना भी वो,
जो दूर जाने के ज़िक्र पर होठों पर हाथ रख देते थे..!!
मेरे सब्र की बात न ही करो तो अच्छा होगा,
मैंने तुम्हे किसी और का हाथ थाम कर हंसते हुए देखा है..!!
मेरी हर दुआ में रहने वाला शख्स,
आज किसी को बिना मांगे ही मिल गया..!!
ए खुदा मत मिलाया कर उन्हे,
जिन्हे तू मिला नही सकता..!
मांगना ही छोड़ दिया हमने वक्त किसी से,
क्या पता उनके पास इंकार करने का भी वक्त न हो.!!
ख़याल क्या है जो अल्फ़ाज़ तक न पहुँचे ‘साज़’,
जब आँख से ही न टपका तो फिर लहू क्या है।
हम अल्फाज़ों से खेलते रह गए,
और वो दिल से खेल के चली गईं।💔🥀
गवाही ना मांग मुझसे की मैं मोहब्बत में
तुझे कितना चाहती हूं
अरे वो खुदा भी मुझसे परेशान है की हर
दुआ में तुझे ही क्यों मांगती हूं