आज खुदा ने मुझसे कहा
भुला क्यों नहीं देते
मैंने कहा इतनी फिक्र है
तो मिला क्यों नहीं देते ।
उम्मीद क्या होती है पूछो
उस इंसान से
जो आज भी किसी के
इंतज़ार में बैठा है ।
फिर से शुरू हो गया है
शादियों का मौसम
फिर किसी और कि मोहब्बत
कोई और ले जाएगा ।
दुआ करो कि मै कोई
रास्ता निकाल सकूं..
तुम्हे भी देख सकूं खुद
को भी सम्भाल सकूं ।
तुम पुछो और मैं ना बताऊँ,
अभी ऐसे हालात नहीं,
बस एक छोटा सा दिल टुटा है, और कोई बात नहीं ।
जितना नजर अंदाज करना
है कर लो बस इतना याद रखना लौटकर सिर्फ यादें आती है इंसान नही ।
कुछ लोग भरोसे के
लिए रोते है और कुछ
लोग भरोसा करके रोते
है ।
गुस्सा उन पर नही
खुद पर आता है की
मैंने उससे इतना प्यार
ही क्यूँ किया ।
अब न जागेंगे रातों को
तेरी यादों के सहारे हमें
अपनी आदत को बदलना
है तेरी नजरों की तरह ।
ज़ख्म कहां कहां से मिले है छोड़ इन बातो को ज़िन्दगी तु तो ये बता सफर कितना बाकी है ।
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