पानी दरिया में हो या आंखो में, राज और गहराई दोनों में होती है...।

आँसू भी आते हैं और दर्द भी छुपाना पड़ता है ये जिंदगी है साहब यहां जबरदस्ती भी मुस्कुराना पड़ता है।

नहीं है साथ जो मेरे, उन्हें भी साथ सोच लेता हूँ, सोचकर ये कि बेक़सूर हूँ मैं आँसू पोंछ लेता हूँ।

आँसू बहाने से कोई, अपना नहीं हो जाता, जो अपने होते हैं, वो कभी रोने ही नहीं देते।

आंसू आएं तो ख़ुद ही पोंछना। लोग पोंछने आएंगे तो सौदा करेंगे।

पानी चाहे समुन्दर में हो या आँखों में, राज़ और गहराई दोनों में होती है..।

जिनके दिल पर चोट लगती है वो अक्सर आँखो से  नही दिल से रोते  है...!

जिनकी किस्मत में लिखा हो रोना वो, मुस्कुरा भी दे तो आंसू निकल आते हैं।

नफरत करनी है तो इस कदर करना की हम दुनिया से चले जाए पर तेरी आँख मे आंसू ना आए।